Wednesday 23 October 2013

लाल बहादुर शास्त्री





Born:            October 2, 1904, Mughalsarai

Died:                                     January 11, 1966, Tashkent, Uzbekistan
Education:                             Mahatma Gandhi Kashi Vidyapeeth (1926)
Awards:                                 Bharat Ratna


He was the first Railway minister and second Prime Minister of the Republic of India and a leader of the Indian National Congress party. 

आइए आपको शास्त्री जी के बारे मे एक रोचक कहानी के  माध्यम से उनकी सूझ बुझ के बारे मे आपको बताते है|  
बात कानपुर की है | क्रिकेट का टेस्ट मैच हो रहा था| उन दिनों श्री लाल बहादुर शास्त्री उत्तर प्रदेश के गृहमंत्री थे | वे  मैच देख रहे थे | इसी बीच किसी बात को लेकर छात्रों और पुलिस में कहा –सुनी हो गई | इस पर सभी छात्र भड़क गए | मामला बिगड़ता देख शास्त्री जी छात्रो को समझाने गए तो सभी ने एक स्वर में मांग की कि जब तक लाल पगड़ी मैदान में रहेगी, वे मैच नहीं होने देंगे |

शास्त्री जी असमंजस में पड़ गए | लाल पगड़ी यानि पुलिस का रहना तो आवश्यक है अन्यथा झगड़े – फसाद को कौन रोकेगा | शास्त्री जी को तुरंत एक रास्ता सूझ गया | उन्होंने छात्रों से कहा –“आज तो आप मैच होने दिजिए, कल से एक भी लाल पगड़ी आपको यहाँ नहीं दिखेगी |”
छात्र मन गए | मैच शुरू हो गया |

दुसरे दिन छात्रों ने देखा कि मैदान में पुलिस वाले मौजूद थे | उनका पारा चढ़ गया | उन्होंने शास्त्री जी को घेर लिया, तब शास्त्री जी ने कहा – “आप लोग यूँ ही नाराज हो रहे हैं | आप एक भी लाल पगड़ी वाला दिखाओ तो सही |”

बात यह थी कि उस दिन पुलिस वाले खाकी पगड़ी में आये थे | छात्र शास्त्री जी की इस सूझ-बुझ  और वाकपटुता से निरुत्तर हो गए | बाद में शास्त्री जी ने उन्हें समझा –बुझा दिया | वे बात मानकर चले गए |

सचमुच , व्यवहार कुशलता से कठिन से कठिन कार्य भी सुगमता से हल हो जाते हैं तथा बड़ी से बड़ी समस्याएँ आसानी से सुलझ जाती हैं | सूझ बुझ से काम लेने वाला व्यक्ति कभी असफल नहीं होता |

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