Born: October 2, 1904, Mughalsarai
Died: January 11, 1966, Tashkent, Uzbekistan
Education: Mahatma Gandhi Kashi Vidyapeeth (1926)
Awards: Bharat Ratna
He was the first Railway minister and second Prime Minister of the Republic of India and a leader of the Indian National Congress party.
आइए आपको शास्त्री जी के बारे मे एक रोचक कहानी के माध्यम से उनकी सूझ बुझ के बारे मे आपको बताते है|
बात कानपुर की है | क्रिकेट का टेस्ट मैच
हो रहा था| उन दिनों श्री लाल बहादुर शास्त्री उत्तर प्रदेश के गृहमंत्री थे | वे मैच देख रहे थे | इसी बीच किसी बात को लेकर
छात्रों और पुलिस में कहा –सुनी हो गई | इस पर सभी छात्र भड़क गए | मामला बिगड़ता
देख शास्त्री जी छात्रो को समझाने गए तो सभी ने एक स्वर में मांग की कि जब तक लाल
पगड़ी मैदान में रहेगी, वे मैच नहीं होने देंगे |
शास्त्री जी असमंजस में पड़ गए | लाल पगड़ी
यानि पुलिस का रहना तो आवश्यक है अन्यथा झगड़े – फसाद को कौन रोकेगा | शास्त्री जी
को तुरंत एक रास्ता सूझ गया | उन्होंने छात्रों से कहा –“आज तो आप मैच होने दिजिए,
कल से एक भी लाल पगड़ी आपको यहाँ नहीं दिखेगी |”
छात्र मन गए | मैच शुरू हो गया |
दुसरे दिन छात्रों ने देखा कि मैदान में
पुलिस वाले मौजूद थे | उनका पारा चढ़ गया | उन्होंने शास्त्री जी को घेर लिया, तब
शास्त्री जी ने कहा – “आप लोग यूँ ही नाराज हो रहे हैं | आप एक भी लाल पगड़ी वाला
दिखाओ तो सही |”
बात यह थी कि उस दिन पुलिस वाले खाकी पगड़ी
में आये थे | छात्र शास्त्री जी की इस सूझ-बुझ
और वाकपटुता से निरुत्तर हो गए | बाद में शास्त्री जी ने उन्हें समझा –बुझा
दिया | वे बात मानकर चले गए |
सचमुच , व्यवहार कुशलता से कठिन से कठिन
कार्य भी सुगमता से हल हो जाते हैं तथा बड़ी से बड़ी समस्याएँ आसानी से सुलझ जाती
हैं | सूझ बुझ से काम लेने वाला व्यक्ति कभी असफल नहीं होता |